Saturday, May 16, 2009

बिजली

बिजली

घर की बिजली चली गई,
हर सुख सुविधा चली गई

कूलर, पंखा, फ्रिज सब बंद,
चला गया सबका आनंद

पानी की टंकी की आस,
लेकर बैठे सभी उदास

इस चुप्पी को तोड़े कौन?
बैठा है टी वी भी मौन

टी वी

टी वी०

जब से घर टी ० वी० आया,
बंद नहीं फिर हो पाया ।

जागते हैं, कम सोते हैं,
अपनी आँखें खोते हैं॥

बंद हो गया है पढ़ना ,
कक्षा में आगे बढ़ना।

मत टी ० वी० से मेल करो,
जीवन से मत खेल करो ॥

भारत

भारत

भारत हमको प्यारा है,
यह तो स्वर्ग हमारा है ।

बहती एक नदी हैं हम,
अगली एक सदी हैं हम ।

भारत नहीं बुद्धि में कम,
बना चुके कंप्युटर हम ।

दुनिया से विज्ञानं जगत में,
आगे कदम हमारा है ॥

बिल्ली और चूहा

बिल्ली और चूहा

बिल्ली बोली - म्याऊँ-म्याऊँ,
चूहा बोला - जाऊं-जाऊं ।

बिल्ली बोली - अभी ना जा,
पहले मुझसे टॉफी तो खा ।

चूहा बोला - माफ़ करो,
पहले दिल को साफ़ करो ।

टॉफी दे बह कावोगी ,
फ़िर मुझको खा जाओगी ॥


Thursday, April 23, 2009

फूल

फूल

रंग-बिरंगे; सुंदर-सुंदर,
कितने प्यारे-प्यारे फूल ।

पीले-लाल न्यारे फूल,
खिलकर महक रहे सभी फूल।

डाल-डाल पर खिले हैं ऐसे,
जैसे चाँद-सितारे फूल ।

हफ्ता

हफ्ता

एक हफ्ते में दिन हैं सात,
बच्चों सुनो हमारी बात ।

दिन में करो खूब तुम काम ,
जमकर खेलो हर शाम,
रात को जाकर करो विश्राम।

भई, अगर बच्चों को हफ्ते के बारे में बताना है तो इससे अच्छी कविता नहीं हो सकती, और वैसे भी हमारी मात्रभाषा तो बच्चे कविताओं से ही सीखेंगे, लेकिन क्या बताएं, ज़माना आजकल बारह ख़राब आ गया है, मान बाप अपने घर में भी बच्चों से अंग्रेजी में बातें करते हैं, ऐसा ना हो की एक दिन हम लोग अपनी भाषा भूल जाएँ । या फिर हिन्दी भाषा सिफ्र गाँव और देहात तक ही सीमित होकर रह जाए । दोस्तों हम सब लोगों को इस बात पर मेहनत करनी चाहिए की हिन्दी में भी अच्छा साहित्य आए।

Wednesday, April 22, 2009

प्रार्थना

प्रार्थना

ईश्वर जैसा न कोई दूजा ,
हम सब करते उसकी पूजा ।

इश्वर ने जो राह बताई ,
वही साह हमने अपनाई ।

सत्य- प्रेम से नहीं हटेंगे ,
ईमान से आगे सदा बढ़ेंगे ।

इश्वर के हैं हुम सब बच्चे ,
कर्म करेंगे अच्छे अच्छे ।