Saturday, May 16, 2009

टी वी

टी वी०

जब से घर टी ० वी० आया,
बंद नहीं फिर हो पाया ।

जागते हैं, कम सोते हैं,
अपनी आँखें खोते हैं॥

बंद हो गया है पढ़ना ,
कक्षा में आगे बढ़ना।

मत टी ० वी० से मेल करो,
जीवन से मत खेल करो ॥

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