टी० वी०
जब से घर टी ० वी० आया,
बंद नहीं फिर हो पाया ।
जागते हैं, कम सोते हैं,
अपनी आँखें खोते हैं॥
बंद हो गया है पढ़ना ,
कक्षा में आगे बढ़ना।
मत टी ० वी० से मेल करो,
जीवन से मत खेल करो ॥
जब से घर टी ० वी० आया,
बंद नहीं फिर हो पाया ।
जागते हैं, कम सोते हैं,
अपनी आँखें खोते हैं॥
बंद हो गया है पढ़ना ,
कक्षा में आगे बढ़ना।
मत टी ० वी० से मेल करो,
जीवन से मत खेल करो ॥
No comments:
Post a Comment