Sunday, April 12, 2009

धूप

सूरज की बेटी है धूप,
सोने जैसा इसका रूप

जब धरती पर आती है,
नया उजाला लाती है

हम सूरज बनकर चमकें ,
सोना बन करके दमकें

दुनिया में फैले उजियारा,
जगभर में हो नाम हमारा

No comments:

Post a Comment